[100%New] Bhoot ki kahani | भूत की कहानी 2023

भूत की कहानी :- दोस्तों आज हम इस लेख में भूत की कहानी,Bhoot ki kahani 2023 के बारे में जानेंगे आज आपको यहां पर विभिन्न प्रकार की भूत की कहानियों के बारे में बताया जाएगा जिनको पढ़ने के बाद आप भी डर जाएंगे कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बहुत शरारत करते हैं और उनकी शरारत से माता-पिता बहुत परेशान हो जाते हैं क्योंकि यह एक जंग से कम नहीं है और फिर माता-पिता इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए भूतों की कहानी का सहारा लेते हैं क्योंकि जब बच्चों के सामने भूतों का नाम लिया जाता है तो वह डरने लग जाते हैं तो इसलिए इस लेख में हम बहुत सारी अलग-अलग प्रकार की भूतों की कहानी लेकर आए हैं

Bhoot ki kahani

जिनको आप अपने बच्चों को सुना कर उनको थोड़ा बहुत शरारतें करने को काम किया जा सकता है और इन कहानी को सुनकर वह अपना मनोरंजन भी कर सकते हैं क्योंकि हम आपके यहां पर मजेदार भूत की कहानी बताएंगे जिनको पढ़कर आप भी आनंद की अनुभूति कर सकते हैं और अपने बच्चों को सुना कर उनको भी आनंद दे सकते हैं हम जो भूत की कहानी आपको बताएंगे वह मजेदार भी है और कुछ कॉमेडी भी हैं तथा कुछ डरावनी भी है इसलिए आप इन कहानियों को पढ़कर आनंद भी ले सकते हैं और कॉमेडी भी कर सकते हैं तो चले दोस्तों अब हम इस लेख में भूत की कहानी के बारे में देखते हैं

भूतिया पेड़ की कहानी

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एक रौनकपुर गांव था उस रौनकपुर में रौनक सिंह नाम का राजा निवास करता था रौनक सिंह राजा हमेशा अपने पर जाकर हित के बारे में ही सोचता रहता था तथा वह अपनी प्रजा को खुश करने के लिए कठिन से कठिन काम भी कर देता था रौनकपुर शहर की प्रजा भी अपने राजा रौनक सिंह से काफी कुछ रहती थी एक दिन ऐसा होता है कि आकाश में भूतिया पेड़ के बीज एक गिद्ध के मुंह में थे और वह आकाश में उड़ रहा था जैसे ही वह गिद्ध आकाश में उड़ते हुए रौनकपुर शहर को पार करता है तो उसके मुंह से भूतिया पेड़ के बीज का एक दाना रौनकपुर शहर के बीच में गिर जाता है

भूतिया बीज होने के कारण वह अगले दिन सुबह तक ही उसने पौधे का रूप धारण कर लिया था उस पौधे को देखकर रौनकपुर शहर के लोग काफी हैरान हो गए थे क्योंकि बाकी पौधे तो हरे थे लेकिन भूतिया पेड़ का रंग कल दिखाई दे रहा था उस पेड़ को देखकर वहां के लोग आपस में चर्चा करने लग गए और सभी लोगों ने माना कि खेतों में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां एवं घास उगती हैं यह पेड़ भी उनमें से ही एक होगा ऐसा सोचकर वह सभी लोग वहां से चले जाते हैं लेकिन उसके बाद अगली सुबह वह भूतिया पेड़ बहुत ही ज्यादा बड़ा हो जाता है यह सब देखकर वहां के लोग काफी डर जाते हैं कि कल तो यह पेड़ काफी छोटा था आज इतना बड़ा कैसे हो गया

वह भूतिया पेड़ तीसरे दिन तो काफी बड़ा पेड़ बन गया था समय बीतता गया और लोग उस पेड़ को देखकर काफी हैरान हो रहे थे फिर वहां पर कुछ लोग इकट्ठे हुए और इस समस्या के समाधान हेतु वह अपने राजा रौनक सिंह के पास गए और उन्होंने सारी समस्या अपने राजा को बताई इस समस्या को जानने के बाद राजा तुरंत उस भूतिया पेड़ के पास आ गए क्योंकि राजा को पता चला था कि एक काला पेड़ है जो 3 दिन में ही काफी बड़ा हो गया था

राजा जब अगले दिन उस पेड़ के पास गए तो उस पेड़ ने अपना काफी बड़ा रूप धारण कर लिया था यह सब देखकर वहां पर निवास करने वाले लोगों को यकीन भी नहीं हुआ लेकिन उस राजा को एक बात समझ में आई थी यह जरूर किसी ने जादू टोना कर रखा है और उसके बाद राजा ने पूरे रौनक शहर में यह घोषणा की थी कि जो भी व्यक्ति इस पेड़ को बिल्कुल खत्म कर देगा तो उस व्यक्ति को राजा की तरफ से 1000 सोने के सिक्के दिए जाएंगे और इसके साथ ही राजा ने यह भी घोषणा की थी कि इस पेड़ को खत्म जो भी व्यक्ति करेगा वह मेरी मृत्यु होने के बाद मेरी राजगद्दी पर बैठेगा

राजा द्वारा इस घोषणा को दिए जाने के बाद उपस्थित लोग उस पेड़ को काटने का अपना-अपना दिमाग लगाना शुरू कर देते हैं राजा के महल में जो भी चतुर मंत्री उपस्थित थे उन्होंने भी अपना सारा दिमाग लगा लिया लेकिन पेड़ को एक भी व्यक्ति नष्ट नहीं कर सका था कुछ लोगों ने तो उसे पेड़ के आसपास आग भी लगवा दी थी तथा कुछ ऐसे भी व्यक्ति थे जिन्होंने उस पेड़ को हाथियों के माध्यम से भी खिंचवा दिया था लेकिन किसी भी व्यक्ति से उस पेड़ का कुछ भी नहीं हो सका था

यह सब देखने के बाद लोगों के मन में डर हो गया कि यह कोई साधारण पेड़ नहीं है बल्कि यह एक भूतिया पेड़ हैं तभी रौनकपुर गांव में एक समझदार व्यक्ति रहता था और उस व्यक्ति को राजा के द्वारा जो घोषणा दी थी उसके बारे में पता चल जाता है और वह उसे पेड़ के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने गुरु के पास चला जाता है उसके बाद गुरु जी ने उस पेड़ के बारे में सब कुछ जान लिया और उसे व्यक्ति से बोल की क्या तुम उस पेड़ को खत्म करना चाहते हो ऐसा सुनने के बाद वह व्यक्ति बोलता है कि हां गुरुजी मैं उस पेड़ को खत्म करना चाहता हूं क्योंकि वहां पर उपस्थित सभी लोग उससे बहुत ज्यादा परेशान हैं

उसके बाद गुरु जी ने उस व्यक्ति को एक उपाय बताया गुरु जी ने उसे व्यक्ति को बोला कि तुझे थोड़ा सा नमक लेना है और उसे पेड़ के आसपास डाल देना है जिसकी वजह से वह पेड़ खत्म हो जाएगा ऐसा सुनने के बाद वह व्यक्ति दौड़ता हुआ अपने राजा के पास चला जाता है और राजा को गुरु जी के द्वारा बताए गए उपाय के बारे में बताता है उसके बाद वह राजा अपने सैनिकों को उसे पेड़ के चारों तरफ नमक डालने को बोल देता है

जैसे ही सैनिक उस पेड़ के चारों तरफ नमक डालते हैं तो उसके अगले दिन उसे पेड़ का आकार कम होने लग जाता है और लगभग 5 दिन में वह पेड़ एक छोटा सा रूप धारण कर लेता है और कुछ समय के बाद तो वह पेड़ बिल्कुल खत्म हो जाता है इस पेड़ के खत्म होने के बाद राजा ने उस व्यक्ति को 1000 सोने के सिक्के दिए थे तथा एक पत्र लिखा और उस पत्र में राजा की मृत्यु के बाद उस व्यक्ति को गद्दी संभालने का मौका दिया जाएगा ऐसा सुनने के बाद वह व्यक्ति बहुत खुश हो जाता है और अपने घर पर चला जाता है

तो इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि इस संसार में ऐसी कोई सी भी मुसीबत नहीं है जिसका समाधान नहीं किया जा सकता हर मुसीबत का समाधान है बस आपको धैर्य एवं समझदारी दिखानी पड़ती हूं

भूतिया ढाबा की कहानी

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एक बार कुछ बच्चों का समूह होता है और वह सभी पिकनिक जाने का मन बना लेते हैं लेकिन उनमें से एक अंकित नाम की लड़की होती हैं जो पिकनिक जाने के नाम को लेकर डर जाती हैं क्योंकि उस अंकिता को पुराना किस्सा जो उसने कभी सुना था वह याद आ जाता है यह घटना उस समय की है जब अंकिता कक्षा दसवीं में पढ़ा करती थी एक दिन क्या हुआ की उनके अध्यापक ने पिकनिक पर जाने का प्लान बना लिया था और अंकिता सहित सभी लोगों ने पिकनिक पर जाने के लिए हां भर ली थी उन्होंने पिकनिक पर जाने के लिए पावागढ़ नामक स्थान को चुना था पूरा ही स्कूल उस स्थान को देखने के लिए गया था लगभग 30 बसें पिकनिक पर जाने के लिए तैयार हो गई थी

अंकिता और उसके दोस्त बस के सबसे पिछले हिस्से में बैठे हुए थे सभी बच्चे अपनी अपनी धुन में मस्त थे उसके बाद जब वह एक जंगल से गुजर रहे थे तो उस जंगल से उनको बहुत तेज आवाज सुनाई देती हैं और यह घटना लगभग रात के 2:00 बजे के आसपास की हैं बस के ड्राइवर ने बस को रोका और बाहर निकल कर देखा तो बस का टायर फट चुका था उसके बाद सभी बच्चों से ड्राइवर ने बोला कि बस के टायर को ठीक होने में लगभग 2 घंटे के आसपास लगेंगे इसलिए आप सभी बस से नीचे उतर जाइए आप इधर-उधर टहल लो तब तक मैं इस बस को ठीक कर देता हूं

जहां पर बस का टायर फटा था उसके कुछ दूरी पर ही उनको एक ढाबा दिखाई देता है सभी बच्चे उस ढाबे के पास चले जाते हैं और वहां पर उन्होंने देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति गरम-गरम चाय बना रहा था रात की 2:00 बज रही थी और उस समय कोई बूढ़ा व्यक्ति वहां पर चाय बनाता हुआ देखा गया यह सब देखते हुए सभी बच्चे हैरान हो गए थे तभी उस ढाबे वाले बूढ़े व्यक्ति ने उन बच्चों को बोला कि आप सब यहां पर बैठ जाइए और गरम चाय पी लीजिए क्योंकि यहां पर रोजाना किसी ना किसी लोगों की गाड़ी खराब होती रहती है इसलिए मैं यहां पर हर वक्त इस ढाबे को खुला रखता हूं

उसके बाद सभी बच्चों ने उस बूढ़े व्यक्ति की बातों को सुनकर चाय को पीना प्रारंभ कर दिया था जैसे ही अंकिता चाय को पीते हुए ऊपर की तरफ देखती है तो उसको ऊपर एक औरत जिसने सफेद रंग की साड़ी पहन रखी थी और अपने बालों को खुला रख रखा था वह दिखाई देती है उसके बाद अंकिता ने उस स्त्री को जोर-जोर से हंसते हुए देखा लेकिन और बच्चों को वह स्त्री दिखाई नहीं दे रही थी लेकिन अंकिता ने उस स्त्री को हंसते हुए देखा था

यह सब देखते हुए अंकिता काफी डर गई थी और उसने अपनी नजरों को नीचे किया तथा कांपते हुए अंकिता ने चाय को वापस पीना शुरू कर दिया था थोड़े समय के बाद ही सभी बच्चों को और वहां पर मौजूद टीचरों को जंगल से जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है यह सब देखते हुए सभी डर जाते हैं उसके बाद उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा कि आप डरो मत मैं देख कर आता हूं कि आखिर कौन है वहां पर जैसे ही वह बूढ़ा व्यक्ति उस आवाज की तरफ जाता है तो तो वहां पर उपस्थित एक लड़की को खून की उल्टियां होना प्रारंभ हो जाता है इस दृश्य को देखकर वहां पर उपस्थित सभी लोग और ज्यादा घबरा जाते हैं

उसके बाद एक अध्यापक ने सभी छात्रों से बोला कि आप सब आग जलाकर उसके बगल में बैठ जाइए उसके बाद सभी छात्र मिलकर आग को जला लेते हैं और एक गोल बनाकर उसके बगल में बैठ जाते हैं टीचर ने सभी बच्चों को समझा ही दिया था कि किसी भी बच्चे को अकेले कहीं पर भी नहीं जाना है लेकिन कोई बच्चा अकेला जाना भी नहीं चाहता था क्योंकि सब डरे हुए थे कुछ समय के बाद वह बूढ़ा व्यक्ति जंगल में जाकर वापस लौट आता है और आकर सभी बच्चों की तरफ एवं टीचरों की तरफ देखकर सबको बोलता है कि जो आवाज आपने सुनाई दी थी उस आवाज को भूल जाना वरना वह आवाज आपका जीना मुश्किल कर देगी उसके बाद बस ड्राइवर अपनी बस को ठीक करता है और उस ढाबे के पास ले आता है

सभी बच्चे एवं टीचर भगवान का नाम लेते हैं और उस बस में बैठ जाते हैं जैसे ही वह सब बस में बैठते हैं तो एक टीचर बोलता है कि कोई भी बच्चा किसी से भी बात नहीं करेगा सब आराम से इसी बस में चुपचाप सो जाओ उसके बाद सभी बच्चे एवं टीचर अपने पिकनिक स्पॉट पर पहुंच जाते हैं और वहां पर कुछ दिनों तक घूमने के बाद वह वापस आ जाते हैं लेकिन आते ही सभी बच्चे अपने दोस्तों को उसे घटना के बारे में बता देते हैं इस प्रकार अंकिता ने पिकनिक का नाम सुनते ही घबराहट महसूस की थी क्योंकि उसको उस घटना के बारे में पता था

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें बीती हुई घटनाओं को भूल जाना ही चाहिए क्योंकि यही हमारे लिए अच्छा होता है यदि हम उन चीजों को नहीं भुलते हैं तो वह हमें जीवन पर डरती रहती हैं

औरत और लड़की की आत्मा की कहानी

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हम जो यह कहानी आपको बताने वाले हैं यह कहानी रानी बाजार की हैं तथा यह कहानी 1950 के दशक के हैं रानी बाजार में एक राम प्रकाश नाम का व्यक्ति रहता था और उसे राम प्रकाश नाम के व्यक्ति के एक बेटी थी जिसकी उम्र 5 वर्ष की थी और उसकी बेटी के बचपन में ही कैंसर हो जाता है राम प्रकाश ने अपने बेटी का एक से बढ़कर एक डॉक्टर का इलाज करवाया लेकिन बेटी की बीमारी में किसी भी प्रकार का कोई सुधार नजर नहीं आ रहा था लेकिन एक दिन ऐसा आया कि राम प्रकाश की बेटी की मृत्यु हो गई

राम प्रकाश की बेटी की मृत्यु रात की 1:00 बजे के आसपास हुई थी जिस रात राम प्रकाश की बेटी की मृत्यु हुई थी उसी रात रानी बाजार के पास में ही एक गांव था उस गांव में भी एक महिला की जिसका नाम मोहिनी था उसकी ट्रक के टक्कर के कारण मृत्यु हो गई थी उसके बाद मोहिनी का अंतिम संस्कार भी पूरी विधि के साथ कर दिया गया था और दूसरी तरफ राम प्रकाश की बेटी को दफनाने के लिए जंगल की तरफ ले जाया जा रहा था

लेकिन जब वह जंगल की तरफ जा रहे थे तो उस लड़की के शरीर में हलचल होने लग गई थी वहां पर उपस्थित सभी लोग उस लड़की को देखकर हैरान हो गए थे कि इसका शरीर कैसे हिलने लग गया है लेकिन एक समय ऐसा आया कि वह लड़की पहले जैसे हो गई और चलने लग गई और उसके बाद उस लड़की के परिवार वाले उस लड़की को अपने साथ घर लेकर आ गए थे लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस बात का पता नहीं था कि जिस रात उस बच्ची की मौत हुई थी उसी रात मोहिनी नाम की महिला की भी मौत हुई थी और उसकी आत्मा उस बच्ची के अंदर आ गई थी

लेकिन जिस दिन से बच्ची वापस अपने घर पर आई थी तो वह अपने घर में उदास एवं चुपचाप रहकर एक तरफ सबसे अलग बेठी रहती थी एक दिन उस बच्ची की मां ने खाना बनाया और उस लड़की को अपने हाथ से खाना खिलाने लगी और उस लड़की से बोला कि बेटी मैं तुझे तेरे मामा के घर पर लेकर जाऊंगी उसके बाद उस लड़की की मां उस लड़की को अपने साथ मायके लेकर चली गई थी लेकिन मायके जाते वक्त जिस महिला की मृत्यु ट्रक हादसे में होती हैं वह लड़की और उसकी मां जब उस स्थान पर पहुंचती है तो वह लड़की अपनी मां से बोलती हैं कि मेरा गांव तो इधर है आप मुझे कहां लेकर जा रही हो

लेकिन उस लड़की की मां ने उस लड़की की बातों पर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया और मजाक में ही उसकी बातों को टाल दिया गया कुछ समय के बाद उस लड़की को उसकी मां अपने भाई के घर पर लेकर चली जाती हैं जिस गांव में वह लड़की गई थी तो इस गांव में लड़की के अंदर घुसी मोहिनी की आत्मा की पड़ोसन भी रहती थी जिसका नाम सिमरन था जैसे ही वह सिमरन को देखती हैं तो वह उसे जोर-जोर से पुकारने लग जाती हैं लेकिन जब सिमरन पीछे मुड़कर देखती है तो उसे एक बच्ची नजर आती है

तब सिमरन हैरान हो जाती है कि इस बच्ची को मेरा नाम कैसे पता चल गया तो उसके बाद वह लड़की सिमरन के पास चली जाती है और उसके साथ जो भी हादसा होता है वह सब उस सिमरन को बता देती हैं उस मोहिनी ने कहा कि उस ट्रक हादसे में मरी नहीं थी लेकिन मेरे परिवार वालों ने मुझे जिंदा ही जला डाला था और इस कारण से मेरी आत्मा इधर-उधर भटकती रहती हैं और जिस दिन मुझे जलाया गया था उसी दिन इस बच्ची की भी मौत हुई थी और इसलिए में इसके शरीर में घुस गई थी उसके बाद सिमरन ने इस सारी घटना को अपने गांव में जाकर बता दिया था इस घटना को सुनने के बाद सारे गांव वाले एवं उस मोहिनी के परिवार वाले उस लड़की के मामा जी के घर पर आ गए थे

जैसे ही सारे गांव वाले एवं उस मोहिनी के परिवार वाले वह पर पहुंचते हैं तो वह सबको पहचान जाती है और उसके बाद उस मोहिनी के परिवार वाले उसको अपने साथ घर पर लेकर चले जाते हैं लेकिन अब उस लड़की की मां बहुत परेशान हो गई थी और उस लड़के को लेने के लिए वह उसके गांव पर चली जाती हैं लेकिन उस लड़की के शरीर में तो मोहिनी की आत्मा थी और इस कारण से वह उस लड़की की मां के साथ आने से मना कर देती हैं लेकिन वहां पर उपस्थित सभी लोग समझाते है कि तुझे अब दोनों परिवार के साथ ही रहना होगा और इसी में दोनों परिवार कुछ रह सकते हैं और इस कारण वह मोहिनी जो उस लड़की के शरीर में थी वह दोनों परिवार के साथ रहने लग गई थी

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें जल्दबाजी में कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए और जो भी कार्य करें उसकी पहले अच्छे से देख रेख करनी चाहिए

भूतिया सड़क की कहानी

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एक मनकपुर गांव का था और इस गांव में किसी भी प्रकार का कोई व्यापार नहीं होता था यहां के लोग व्यापार के लिए शहरों में जाया करते थे और इस गांव से शहर की ओर सिर्फ एक ही सड़क जाती थी और यह सड़क घने जंगल की ओर से शहर की तरफ जाती थी इस कारण से उस गांव के लोग जब शहर की तरफ जाते थे तो उनका काफी डर लगता था और इसी डर के कारण उस गांव के लोग कभी भी अकेले शहर में नहीं जाते थे

क्योंकि उस रोड पर हर रोज किसी न किसी प्रकार की दुर्घटना होती रहती थी और इस कारण से वहां के लोग डरते थे कभी तो जब कोई व्यक्ति बैलगाड़ी से माल को ले जाता है तो उसके साथ दुर्घटना हो जाती थी और ऐसा भी मानते हैं कि लोग उस सड़क पर भूत भी देखा करते थे बैलगाड़ियों की टक्कर जब छोटे वाहन से होती थी तो दुर्घटना के समय ही व्यक्तियों की मौत भी हो जाती थी और इन सब की वजह लोग भूतों को ही माना करते थे

और इन सभी समस्याओं के कारण वहां के लोग शहरों में बहुत कम आने जाने लग गए थे और इसके कारण व्यापार में काफी कमी आ गई थी अब उस गांव के लोग दूसरी सड़क बनने का इंतजार करने लगे थे उसके बाद कुछ ही दिनों में एक नई सड़क का निर्माण होने लग गया था जो शहर तक जाती थी और कुछ समय बाद सड़क का निर्माण पूरा हो गया था और लोग इस रास्ते से शहर की ओर जाने लग गए थे लेकिन इस रास्ते की तरफ जाने से पहले वहां के लोगों ने उस भूतिया सड़क को पत्थरों एवं पेड़ों से बंद कर दिया था और एक तरफ सूचना पट्टी भी लग दी थी

जब से लोगों ने उस नई सड़क से आना-जाना प्रारंभ किया था तो किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं होती थी और उस गांव के लोग उस सड़क को बंद करने के बाद काफी खुशहाली से अपना जीवन विप करने लग गए थे और मौत का सिलसिला भी काफी कम हो गया था

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे जीवन में किसी भी प्रकार का दुख हमेशा के लिए नहीं होता है एक न एक दिन सुख का सूरज तो जरूर निकलता है

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अंतिम शब्द :-

दोस्तों हमने आपको यहां पर अलग-अलग प्रकार की भूत की कहानी, Bhoot ki kahani, horror kahani in Hindi, भूत की कहानी इन हिंदी बता दी है जिनको आप पढ़ भी सकते हैं और आप इनको पढ़कर दूसरों को भी सुना सकते हैं क्योंकि हमने आपको यहां पर बहुत ही मजेदार एवं कॉमेडी भूत की कहानी बताई है हमें कमेंट करके बताएं दोस्तों आपको यह भूत की कहानी कैसी लगी और आप इसको सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें

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