AC व DC full form in hindi | AC व DC में क्या अंतर होता है | AC व DC की हिंदी में जानकारी

AC व DC full form in hindi , प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते हैं, दिष्ट धारा किसे कहते हैं , प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा में क्या अंतर है, प्रत्यावर्ती धारा दिष्ट धारा के उपयोग कहां किए जाते हैं

आज के हमारे इस लेख में हम चर्चा करने वाले हैं AC तथा DC हमारे इस लेख में आज हम आपको इन दोनों चीजों की फुल फॉर्म तथा इनके बारे में जो भी जानकारी हैं वह आपको बताएंगे तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ने का कष्ट करें।

हमारे लेख अंदर हम आपको AC धारा के फायदे तथा नुकसान और DC धारा के फायदे तथा नुकसान इसको कहां पर उपयोग किया जाता है कैसे उपयोग किया जाता है कैसे बनती है यह सभी जानकारियां उपलब्ध करवाएंगे तो हमारे इस लेख को शुरू करते हैं।

आजकल हम जिस विद्युत को उपयोग में लेते हैं वह भी दो प्रकार की होती हैं बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो कि यह नहीं जानते थे कि विद्युत दो प्रकार की होती हैं लेकिन दोस्तों विद्युत दो प्रकार की होती हैं जिसका नाम है AC तथा DC जी हां विद्युत दो प्रकार की होती हैं और इन दोनों तारों का उपयोग अलग अलग तरीके से होता है।

AC full form ine Hindi

अब बात करते हैं AC धारा की इसका पूरा नाम alternating current होता है जिसको अगर हम हिंदी में जानना चाहे तो इसको प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं अब हम आपको बताएंगे कि प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग कहां होता है और इसके फायदे तथा नुकसान किया है।

प्रत्यावर्ती धारा क्या है

जिस चीज के हम फायदे तथा नुकसान जानना चाहते हैं उस चीज के बारे में हमें पहले पता होना चाहिए कि यह चीज होती क्या है तो पहले आपको यह पता होना चाहिए कि प्रत्यावर्ती धारा होती क्या है प्रत्यावर्ती धारा की परिभाषा होती है प्रत्यावर्ती धारा की परिभाषा क्या होती है यह हम आपको बताएंगे।

प्रत्यावर्ती धारा :- यह एक ऐसी धारा है जो परिपथ में एक निश्चित समय अंतराल अपनी दिशा बदलती रहती है , प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है, जो की धारा की दिशा में प्रत्येक आधे घुर्णन के पश्चात होता है , विद्युत उत्पन्न करने की युक्ति को प्रत्यावर्ती विद्युत धारा जनित्र करते हैं।

इस प्रकार से प्रत्यावर्ती धारा की परिभाषा होती है यानी कि यह धारा एक ऐसी धारा है जो निश्चित समय अंतराल के पश्चात अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है और इसका उपयोग कहां पर किया जाता है इसके फायदे क्या है यह सब हम आपको बताएंगे।

प्रत्यावर्ती धारा के लाभ

प्रत्यावर्ती धारा के कुछ लाभ होते हैं और कुछ नुकसान होते हैं तो आजकल नुकसान तो कोई नहीं देखता है केवल लाठी देखता है लेकिन हम आपको लाभ तथा नुकसान दोनों बताएंगे तो प्रत्यावर्ती धारा के लाभ क्या होते हैं जानते हैं

• आपको पता ही है कि यह एक निश्चित समय अंतराल के पश्चात अपनी दिशा उत्क्रमित करती रहती है।

• प्रत्यावर्ती एक ऐसी धारा है जिसको सुदूर स्थानों यानी कि दूर स्थानों पर भेजने के लिए अधिक उर्जा का उपयोग नहीं करना पड़ता है यानी कि बहुत ही कम विद्युत खर्च में यह बहुत दूर तक ले जाए जा सकती हैं।

• और यह एक ऐसी धारा है जो की बहुत ही खतरनाक होती हैं अगर इसको छू लिया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

• आजकल जितने भी विद्युत शक्ति संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं अधिकतर उन में प्रत्यावर्ती धारा का उत्पादन होता है अर्थात के वहां पर प्रत्यावर्ती धारा को बनाया जाता है।

• अगर भारत की बात की जाए तो भारत में उत्पादित प्रत्यावर्ती धारा का प्रत्येक 1/100 सेकंड के पश्चात प्रत्यावर्ती धारा अपने दिशा उत्क्रमित करती है अर्थात इस प्रत्यावर्ती धारा ( AC ) की आवर्ती 50Hz हर्टज होती है।

प्रत्यावर्ती धारा के नुकसान

प्रत्यावर्ती धारा के ज्यादा कुछ नुकसान नहीं है लेकिन इसके कुछ नुकसान है वह नुकसान क्या है आइए जानते हैं।

• प्रत्यावर्ती धारा जो कि दिष्ट धारा से बहुत ही ज्यादा खतरनाक होती है अर्थात की दिष्ट धारा से प्रत्यावर्ती धारा कई गुना घातक है।

• प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग हम सीधे तौर से विद्युत अपघटन तथा चुंबक बनाने में नए कर सकते हैं क्योंकि यह हमारे लिए खतरा हो सकता है।

इस प्रकार से दो प्रकार के नुकसान प्रत्यावर्ती धारा से होते हैं प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग हम कहां कहां कर सकते हैं यह भी हम हमारे इस लेख में जानेंगे तो आइए जानते हैं प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग कहां पर किया जाता है।

प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग कहां होता है

* प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग हम हमारे घर में 100 वाट का जो बल्ब होता है उसको जलाने के लिए करते हैं क्योंकि यह बला प्रत्यावर्ती धारा से ही जल पाता है।

* प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग हमारे घरों में रखे इनवर्टर सेल तथा बैटरी आदि में जो दिष्ट धारा होती है उसमे चेंज इसी प्रत्यावर्ती धारा को किया जाता है।

* इस धारा का उपयोग विद्युत मोटर समरसेबल आदि जो बहुत ही विद्युत धारा लेती हैं इनको चलाने में किया जाता है जो कि दिष्ट धारा से संभव नहीं है।

* कूलर चलाने में पंखे चलाने में एसी चलाने में आदि सीजी चलाने में भी प्रत्यावर्ती धारा का ही उपयोग किया जाता है।

* रेफ्रिजरेटर चलाने में भी प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग किया जाता है।

* प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग टीवी चलाने में, एलसीडी चलाने में, डीटीएस चलाने में, हीटर चलाने में, वेल्डिंग मशीन चलाने में सभी प्रकार की ऐसी चीजें जिनमें अधिक विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है उनको चलाने में प्रत्यावर्ती धारा का ही उपयोग किया जाता है।

* इस ऊर्जा का उपयोग उस्मा प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है क्योंकि यह बहुत ही अधिक उष्मीय होती है।

दोस्तों इस प्रकार से प्रत्यावर्ती धारा के नुकसान फायदे प्रत्यावर्ती धारा क्या होती हैं हमने जान लिया है अब हम बात करेंगे दिष्ट धारा की दृष्टि धारा क्या होती हैं दिष्ट धारा का पूरा नाम क्या है सभी प्रकार की जानकारी हम हमारी इस लेख में प्राप्त करेंगे।

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अब हम बात करते हैं DC धारा की तो DC धारा का पूरा नाम direct current होता है और अगर इसको हिंदी में जानना चाहे तो हमने पहले भी देख लिया है कि इसको दिष्ट धारा कहते हैं तो दिष्ट धारा के क्या लाभ हैं इसका उपयोग कहां किया जाता है क्या नुकसान है वह सभी जानकारी आइए जानते हैं।

दिष्ट धारा क्या होती है

दिष्ट धारा :- जिस प्रकार से प्रत्यावर्ती धारा निश्चित समय अंतराल के पश्चात अपनी दिशा बदल लेती हैं तो उस प्रकार से दिष्ट धारा अपनी दिशा में परिवर्तन नहीं करती हैं अर्थात ऐसी धारा जिसमें समय के साथ परिवर्तन नहीं होता है दिष्ट धारा कहलाती है

दिष्ट धारा के लाभ

दिष्ट धारा के क्या लाभ हमें होते हैं तथा क्या नुकसान हमें होते हैं यह हमें पता होना जरूरी होता है तो हम जानते हैं दिष्ट धारा के लाभ तथा नुकसान क्या होते हैं

• दिष्ट धारा का पहला जो लाभ यह होता है कि यह रासायनिक प्रभाव को दर्शाती हैं यानी कि रासायनिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं।

• दिष्ट धारा का दूसरा जो लाभ है यह होता है कि यह उष्मीय प्रभाव दर्शाती है लेकिन यह उसमें प्रभाव उत्पन्न नहीं करती हैं।

• दिष्ट धारा के अंदर हम आसानी से चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं जो कि प्रत्यावर्ती धारा में बिल्कुल भी संभव नहीं है।

• दिष्ट धारा हमेशा धनात्मक से ऋणात्मक की ओर बहती है।

• दिष्ट धारा से जो भी उपकरण चलाए जाते हैं उनमें ट्रांसफार्मर का उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि यह इतनी ज्यादा खतरनाक नहीं होती हैं

• दिष्ट धारा हमेशा प्रत्यावर्ती धारा से ही बनाई जाती है।

• दिष्ट धारा की एक खासियत यह है कि यह हमेशा एक ही धारा में बहती है यह अपनी धारा में कभी परिवर्तन नहीं करती हैं।

• दिष्ट धारा को अगर कोई व्यक्ति छू ले तो उसको ज्यादा कुछ समस्या नहीं होती है।

दिष्ट धारा के नुकसान

• दिष्ट धारा का यह नुकसान है कि इसे दूर से दूर स्थानों पर ले जाने के लिए अधिक ऊर्जा का से होता है यानी कि अगर इसे दूसरे स्थानों पर ले जाया जाए तो बहुत ही सारी विद्युत ऊर्जा कि जरूरत पड़ती है।

• दिष्ट धारा से कूलर एसी फ्रिज टीवी टेलीविजन आदि चीजें नहीं चलाई जा सकती है।

• अगर इससे कुल्लर ऐसे टीवी वगैरह चलाने हैं तो इसको इन्वर्टर आदि की सहायता से चलाए जा सकते हैं।

दिष्ट धारा का उपयोग कहां होता है

* दिष्ट धारा का उपयोग सामान्यत इनवर्टर में करके इसे प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तन किया जा सकता है जो कि आपके घरों में प्राय रूप से उपयोग में लिया जाता है।

* दिष्ट धारा का उपयोग विद्युत सेल विद्युत बैटरी आदि में किया जाता है।

* दिष्ट धारा का उपयोग मोबाइल चार्जर में भी किया जाता है उसमें एक ऐसी चीज़ लिखी होती है जो कि प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में बदल कर भेजती है।

* Telecommunications system operating के लिए 48-72 वोल्ट की दिष्ट धारा का उपयोग किया जाता है

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FAQ :-

प्रश्न :- प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते हैं ?

उत्तर :- ऐसी धारा जो निश्चित समय अंतराल के पश्चात अपने दिशा में परिवर्तन करती रहती है, प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है

प्रश्न :- दिष्ट धारा किसे कहते हैं ?

उत्तर :- ऐसी धारा जिस की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, दिष्ट धारा कहलातीती है

प्रश्न :- DC धारा की फुल फॉर्म क्या होती है ?

उत्तर :- DC की फुल फॉर्म direct current होती है इसे हिंदी में दिष्ट धारा कहते हैं

प्रश्न :- AC धारा की फुल फॉर्म क्या होती है ?

उत्तर :- AC धारा की फुल फॉर्म alternating current होती हैं जिसे हिंदी में प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं

प्रश्न :- प्रत्यावर्ती धारा के लाभ क्या है ?

उत्तर :- प्रत्यावर्ती धारा के यह लाभ है कि इसे दूर स्थानों पर भेजने के लिए बहुत ही कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है

प्रश्न :- दिष्ट धारा के क्या लाभ है ?

उत्तर :- रिश्तेदार आगे यह लागे किस के अंदर आसानी से विद्युत अपघटन तथा चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है

Final world :-

आज के हमारे इस लेख में हमने AC व DC full form in hindi | AC व DC में क्या अंतर होता है | AC व DC की हिंदी में जानकारी का वर्णन किया है जोकि मैं आशा करता हूं आपको बहुत ही अच्छे से समझ में आ गई होगी अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों या फिर जो पढ़ाई करते हैं उनको शेयर करें और हमें कमेंट करके बताएं कि आप हमारा यह लेख कैसा लगा।

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